एमपी मिड डे मील योजना ऑनलाइन आवेदन | एप्लीकेशन फॉर्म एवं चेक स्टेटस

मिड डे मील (मध्यान्ह भोजन)  योजना एमपी  || Madrasa Mid-Day Meal Scheme 2022 in Madhya Pradesh || मदरसा मिड डे मील योजना मध्य प्रदेश | MP Madarsa Mid Day Meal Yojana 

भारत देश में बहुत नागरिक ऐसे है जो अपनी जो आर्थिक रूप कमजोर होते है तो ऐसे कमजोर नागरिको को अपना जीवन यापन करने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पढता है। भारतवर्ष में 15 अगस्त 1945 को को स्कूल में पढ़ने वाले बच्चो को पौष्टिक भोजन की उपलब्धता और उनके अभिभावकों को अपने बच्चो को स्कूल के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मिड डे मील योजना को शुरु किया गया है। केंद्र सरकार के द्वारा अब इस योजना को नए सिरे से शुरु करने के लिए एक योजना बनाई जा रही है। जिसके माध्यम से सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे गरीब बच्चो के माता पिता को सहयता के रूप में MP Mid Day Meal Yojana 2022 की किट प्रदान की जाएगी। इस लेख के माध्यम से इस एमपी मिड डे मील योजना से जुडी सभी जानकारी प्रदान करने जा रहे है। अतः आपसे निवेदन है की आप हमारे इस लेख को ध्यानपूर्वक अंत तक पड़े।

मध्य प्रदेश मदरसा मिड डे मील (मध्यान्ह भोजन) योजना

Madhya Pradesh Madrasa Mid-Day Meal Scheme – दोस्तों जैसे हमने अपने इस लेख के माध्यम से आपको ऊपर बताया है की मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी ने मदरसा में भी अब मिड डे मील को शुरु करने का निर्लय लिया है।  योजना के अंतर्गर मदरसे में पढ़ने वाले सभी बच्चो को एक अच्छा भोजन उपलब्ध कराया जायेगा।  मप्र मदरसा मध्यान्ह योजना के तहत अंतर्गत 34,000 छात्रों को पोस्टिक भोजन दिया जायेगा।

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मिड डे मील योजना न्यू अपडेट

Mid Day Meal Yojana को केंद्र सरकार के द्वारा देश के बच्चे को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के द्वारा सहयता के रूप में धनराशि भेजी जाएगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एक विशेष कल्याण उपाय के अंतर्गत से मध्याह्न्-भोजन योजना सभी पात्र बच्चों के लिए खाना पकाने की लागत के लिए धनराशि देने के लिए योजना को मंज़ूरी दे दी गई है। इस योजना के लिए सरकार के द्वारा डीबीटी के द्वारा 11.8 करोड़ छात्रों को नगद धनराशि देने का फैसला लिया गया है। ताकि इसके माध्यम से मिड डे मील योजना को बढ़ावा मिले। भारत सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को हर महीना 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न प्रदान किया जायेगा।

MP Madrasa Mid Day Meal Scheme 2022 Summary

योजना का नामMadhya Pradesh Madrasa Mid-Day Meal Scheme
कब से शुरू होगीOctober
शुरू की गयीCM Kamalnath जी द्वारा
लाभार्थीMP के सभी मदरसों के छात्र
उद्देश्य34,000 मदरसा छात्रों को पौष्टिक भोजन देना
बजट10.20 करोड़ रुपये
योजना प्रकारराज्य सरकार योजना

 एमपी कैबिनेट बैठक में लिए गए अन्य कई महत्वपूर्ण निर्णय

MP Cabinet Meeting 2022 मंत्रिमंडल ने आदिवासियों को शोषण से बचाने के लिए एमपी अनुसूचित जनजाति एवं  साहूकार अधिनियम 1972 में संशोधन को भी अब मंज़ूरी दे दी गयी है। जिसके तहत निजी साहूकार द्वारा आदिवासियों को शोषण से बचने के लिए अब नए लागु किये जायेंगे। जैसे अगर किसी साहूकार के पास लाइसेंस नहीं है। वह किसी भी आदि वाशी को कर्ज नहीं दे सकता है।

सोमवार की कैबिनेट बैठक में, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी सरकार के एक और लक्ष्य के बारे में बारे में बताया है जिसमे वह एमपी में होने वाली मिलावट के खिलाफ जंग लड़ेंगे। और उन्हें एक नारा भी दिया था  शुद्ध के लिए युद्ध जिसके लिए वह वह अपने राज्य में मिलवट करने वाले के खिलाफ जंग लड़ेंगे। इसके लिए उन्होंने कहा की दूध और डेरी ही नहीं है। होने वाली मिलावट के खिलाफ वह अन्य  अनाज, तेल और अन्य खाद्य वस्तुओं के भी जंग लड़ेंगे।

एमपी कैबिनेट बैठक में लिए गए अन्य कई महत्वपूर्ण निर्णय

मंत्रिमंडल ने आदिवासियों को शोषण से बचाने के लिए मध्य प्रदेश अनुसूचित जनजाति साहूकार अधिनियम 1972 में संशोधन को भी मंज़ूरी प्रदान कर दी गई है। जिसके अंतर्गत आदिवाशियों को शोषण के लिए अब नए प्रावधान रखे गए है। प्रदेश के किसी नागरिक के पास साहूकार लाइसेंस नहीं है तो वह किसी भी आदिवासी को कर्ज नहीं प्रदान कर सकता है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी सरकार का एक और लक्ष्य निर्धारित किया है जिसमे वह मिलावट के लिए लड़ाई लड़ेंगे। और उनके द्वारा एक नैरा भी दिया जायेगा जिसका नाम “शुद्ध के लिए युद्ध” जिससे उन्हें बताया गया है की मिलवट खिलफो के खिलाफ जंग लड़े।

Mid day meal yojana योजना का बजट (Budget)

मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा हर पांच वर्षो में सरकार द्वारा मिड डे मील स्कीम से जुड़ा हुआ बजट निर्धारित किया जाता है। ग्याहरवे फाइव ईयर प्लान में मिड डे मील स्कीम के लिए सरकार ने 9 अरब का बजट का निर्लय लिया गया था। बारहवे फाइव ईयर प्लान में मिड डे मील स्कीम के लिए सरकार ने 901.55 अरब का बजट निर्धारित किया गया था।
केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा मिड डे मील योजना पर आने वाले खर्चे को साझा किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत जितना बजट निर्धारित होता है तो उसमे केंद्र 60 प्रतिशत और राज्यों को 40 प्रतिशत पैसा देना होता है।
भोजन के लिए अनाज और वित्त पोषण (Financing) प्रदान करती है, जबकि संघीय और राज्य सरकारों द्वारा सुविधाओं, परिवहन और श्रम की लगत का खर्चा मुहैया कराया जायेगा।

मिड डे मील योजना पात्रता नियम
  • इस योजना के माध्यम से सरकारी एवं प्राइमरी स्कूलो कक्षा के छात्रों को सरकार सहायता, स्थानीय निकाय, शिक्षा गारंटी योजना से जुड़े स्कूलो छात्रों को, वैकल्पिक अभिनव शिक्षा केंद्र, मदरसे और श्रम मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को फायदा मिलता है।
  • राज्य के जो छात्र सरकारी एवं प्राइमरी स्कूलो में अध्यन करते है तो ऐसे छात्रों के लिए मुफ्त में मध्यान भोजन करवाना अनवार्य है।
मिड डे मील योजना उद्देश्य

मिड डे मील योजना यह योजना राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों से जुडी है जिसका मुख्य उद्देश्य सरकारी एवं प्राइमरी स्कूलो के छात्रों को अच्छा भोजन उपलब्ध करवाना है।

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