PM PRANAM Yojana 2023:- देशभर के किसानों को केंद्र सरकार द्वारा खेती में उपयोग होने वाले रासायनिक उर्वरकों (केमिकल फर्टिलाइजर्स) पर सब्सिडी दी जाती है। लेकिन अब हर साल खेती में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग बहुत तेजी से बढ़ता ही जा रहा है। जिसके कारण केंद्र सरकार पर सब्सिडी के बोझ में वृद्धि होती जा रही है। इसलिए अब केन्द्र सरकार ने पिछले 5 सालों में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग मे अत्यधिक बढ़ोतरी को देखते हुए एक नई योजना को शुरू करने का फैसला लिया है। इस योजना का नाम पीएम प्रणाम योजना है। इसके माध्यम से रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने का काम किया जाएगा।
ताकि केंद्र सरकार पर रासायनिक उर्वरकों की पड़ने वाली सब्सिडी के बोझ को कम किया जा सके। तो आइए और हमारे इस लेख के माध्यम से जानिए कि किस तरह PM PRANAM Yojana (पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिशियंस फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट योजना) केमिकल फर्टिलाइजर्स के उपयोग को कम करेगी और इस योजना से जुड़े सभी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करने के लिए हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
PM PRANAM Yojana 2023
केंद्र सरकार द्वारा PM PRANAM Yojana को शुरू किया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से किसानों के द्वारा किए जाने वाले रसायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने का प्रयास किया जाएगा ताकि केंद्र सरकार के ऊपर सब्सिडी बोझ को कम किया जा सके। क्योंकि किसान द्वारा हर साल रासायनिक उर्वरकों की मांग बढ़ती ही जा रही है। रसायनिक उर्वरकों की यह मांग 2022-2023 में 2.25 लाख करोड़ रुपय होने की उम्मीद है जो पिछले साल के 1.62 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े से यह 39 प्रतिशत ज्यादा है। हर महीने फर्टिलाइजर की आवश्यकता की मात्रा मांग के अनुसार बदलती रहती हैं। इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक पीएम प्रणाम योजना के लिए अलग से कोई बजट प्रस्तावित नहीं किया जाएगा। उर्वरक विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के तहत मौजूदा उर्वरक सब्सिडी की बचत से ही इसे संचालित किया जाएगा। सब्सिडी बचत का 50% पैसे बचाने वाले राज्यों को अनुदान के रूप में दिए जाएंगे।
राज्य सरकार अनुदान का 70% गांव/ब्लॉक/जिला स्तर पर वैकल्पिक उर्वरक उत्पादन इकाइयों को तकनीक अपनाने और वैकल्पिक रूप से संपत्ति निर्माण के लिए इस्तेमाल करेंगी। शेष 30% अनुदान का इस्तेमाल उन किसानों, पंचायतों, किसान उत्पादक संगठनों और स्वयं सहायता समूह को पुरस्कारित एवं प्रोत्साहित करने के हेतु किया जाएगा जो उर्वरक के इस्तेमाल में कमी और जागरूकता पैदा करने का कार्य करेंगे।
PM PRANAM Yojana 2023 Highlights
प्रस्तावित योजना | पीएम प्रणाम योजना |
किसने शुरू की | केंद्र सरकार द्वारा |
उद्देश्य | किसानों को रसायनिक उर्वरकों के कम प्रयोग हेतु प्रोत्साहित करना व केंद्र सरकार के सब्सिडी बोझ को कम करना। |
लाभार्थी | केंद्र सरकार व देश के किसान। |
संबंधित विभाग | उर्वरक विभाग |
साल | 2023 |
अधिकारिक वेबसाइट | शीघ्र जारी की जाएगी। |
पीएम प्रणाम योजना का उद्देश्य
केंद्र सरकार के द्वारा शुरु की गई पीएम प्रणाम योजना को शुरु करने का मुख्य उद्देश्य सरकार के ऊपर बढ़ती हुई केमिकल फर्टिलाइजर सब्सिडी के बोझ को हल्का करना है। क्योकि आज के समय में देश के सभी किसानो की डिमांड केमिकल फर्टिलाइजर के तहत पढ़ती जा रही है इसलिए हर साल केंद्र सरकार के ऊपर सब्सिडी का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। सरकार के द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है की पिछले वर्ष केंद्रीय बजट 2021-22 में केमिकल फर्टिलाइजर सब्सिडी के रूप में 79530 करोड़ रुपए आवंटित किये गए थे। जोकि संशोधित अनुमान में बढ़ाकर 1.40 लाख करोड़ रुपए हो गए हैं और 2021-22 में अंतिम अकड़ा 1.62 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। इस साल के अंतर्गत केंद्र सरकार के द्वारा वर्ष 2022-23 में सरकार ने 1.05 लाख करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है।
PM PRANAM Yojana हमारे देश के उर्वरक मंत्री जी के द्वारा यह सुचना प्रदान की गई है की इस साल सब्सिडी का आंकड़ा 2.25 लाख करोड़ रुपए तक पार हो सकता है। मंत्री जी के द्वारा बताय है की यह आंकड़ा हर साल ऐसे ही बढ़ता जायेगा। इसलिए केंद्र सरकार के द्वारा पीएम प्रणाम योजना शुरु करने का फैसला लिया गया है।
PM PRANAM Yojana का कार्यान्वयन
- केंद्र सरकार के द्वारा इस PM PRANAM Yojana के अंतर्गत किसी प्रकार का कोई बजट निर्धारित नहीं किया गया है। क्योकि यह उर्वक विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के तहत मौजूदा उर्वरक सब्सिडी की बचत से वित्तपोषित विलुप्त की जाएगी।
- उर्वरक सब्सिडी बचत का 50% राज्य सरकारों के द्वारा अनुदान के रूप में प्रदान की जाएगी।
- केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा अनुदान का 70 फीसदी गांव, ब्लॉक, और जिला स्तर पर वैकल्पिक उर्वरक उत्पादन इकाइयों को तकनीक अपनाने और वैकल्पिक रूप से संपत्ति निर्माण के अंतर्गत उपयोग किया जायेगा।
- बचे हुए 30 फीसदी अनुदान को राज्य सरकार उन किसानों, पंचायतों, किसान उत्पादक संगठनों और स्वयं सहायता समूह को पुरस्कार देने एवं उन्हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरु करेगी।
PM PRANAM Yojana के लाभ एवं विशेषताएं
- केंद्र सरकार के द्वारा देश के सभी किसानो को पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिशियंस फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट योजना का लाभ सीधे प्रदान किया। जायेगा
- इस योजना को शुरु करने का मुख्य उद्देश्य बढ़ती होई सब्सिडी के बोझ को हल्का करना है।
- केंद्रीय मंत्री के द्वारा यह सुचना दी गई है की यह वर्ष 2022-23 मे सब्सिडी का बोझ 2.25 लाख करोड़ के पार होने की सम्भावना है। जो पिछले साल के आंकड़े से 39% अधिक होगा।
- आज के समय में देश के किसानो के द्वारा रसायनिक उर्वरकों उपयोग बढ़ता ही जा रहा है इसलिए इन सब को देखते हुए सब्सिडी के बोझ को हल्का करना एवं रासयनिक उपयोग को कम करने क उद्देश्य से प्रधानमंत्री प्रणाम योजना को शुरु किया गया है।
- PM PRANAM Yojana के अंतर्गत राज्य सरकार के द्वारा गांव ब्लॉक, जिला स्तर पर वैकल्पिक उर्वरकों और वैकल्पिक उर्वरक उत्पादन इकाइयों को तकनीकी अपनानी से सम्बंधित संपत्ति निर्माण के लिए प्रदान की जाएगी।
- उर्वरक विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के तहत मौजूदा उर्वरक सब्सिडी की बचत करने के लिए वित्तपोषित किया जायेगा।
- केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों, जिन्होंने इस योजना को लेकर विचार किया है उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों को 7 सितंबर को आयोजित किया है।
भारत ने वर्त्तमान में इस्तेमाल हो रहे उर्वरकों की स्तिथि
- केंद्र सरकार के द्वारा वर्त्तमान में वर्ष 2020-21 सब्सिडी पर कुल 1.62 करोड़ खर्च किये गए थे जबकि वर्ष 2022 में इसको 2. 25 लाख करोड़ रुपया से अधिक हो सकता है।
- केंद्र सरकार के द्वारा वर्ष 2022-21 में चार रासयनिक उर्वरक जैसे – यूरिया डाई अमोनियम फास्फेस्ट निट्रोजन एवं मोप 2017-18 में कुल आवश्यकता 528 मीट्रिक टन थी।