Pradha Mantri Adi Aadarsh Gram Yojana Kya Hai, प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना योजना के लाभ, उद्देश्य, एवं कार्यान्वयन प्रक्रिया
भारत सरकार के द्वारा जनजातीय नागरिको के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए विभिन प्रकार के निरंतर प्रयास किये जाते है जिसके अंतर्गत विभिन तरह की योजना एवं अभियानों को आरम्भ किया जाता है इसी को महत्व देते हुए देश के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने देश के जनजातीय नागरिको के लिए प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की है इस योजना के माध्यम से जनजाति क्षेत्रों के गांवों को आदर्श ग्राम में बदला जाएगा। जिससे नागरिको को हर तरह की सुविधा का लाभ प्रदान किया जा सके। देश के संविधान के अनुसार जनजाति के नागरिको के हितों की रक्षा के लिए विशेष कानून बनाया गया है दोस्तों आज हम आपको इस लेख के माध्यम से Pradhanmantri Adi Aadarsh Gram Yojana से सम्बन्धी जानकारी प्रदान करने जा रहे है जो आपके बहुत लाभकारी साबित होने वाली है इसलिए आपसे निवेदन है कृप्या इस लेख को आखिर तक अवश्य पढ़े।
Pradhan mantri Adi Aadarsh Gram Yojana 2023
केंद्र सरकार द्वारा देश के जनजातीय नागरिको के लिए प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना का शुभारम्भ किया गया है जिसके माध्यम से अधिक आबादी वाले गावों को मॉडल बनाया जाएगा। इस योजना के माध्यम से 16,554 गावों को मॉडल में विकसित किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा 1927 करोड़ रुपए की धनराशि राज्य सरकारों को जारी कर दी गयी है इस योजना के तहत 6264 गावो को विकसित करने के लिए मंजूरी प्रदान कर दी गयी है जिसमे 3764 गांव गुजरात में चयन किये गए है पीएमएएजीवाई के माध्यम से 1562 गांवो के लिए मंजूरी प्रदान की गयी है Pradha Mantri Adi Aadarsh Gram Yojana के माध्यम से जो गांव गुजरात राज्य में चयन किये गए है उनके लिए 35318.54 लाख रुपए जारी किए जा चुके है जिससे गावों को मॉडल में बदला जाएगा।
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पीएम आदि आदर्श ग्राम योजना-Overview
योजना का नाम | प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना |
लागू की गई | जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा |
उद्देश्य | गांवों को आदर्श स्तर तक लाना है। तथा उन्हें आदर्श ग्राम में बदलना |
लाभार्थी | जनजातीय आबादी वाले गांव के नागरिक |
आदर्श ग्राम मे बदला जाएगा | 4.22 करोड़ गांवो को |
प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है
केंद्र सरकार द्वारा पीएम आदि आदर्श ग्राम योजना को शुरू का उद्देश्य चयनित गावों को मॉडल में तब्दील करना है जिससे उन्हें सामाजिक, आर्थिक रूप से विकसित किया जा सके। इस योजना के तहत जिन गावों में जनजातीय नागरिक अधिक शामिल है उन सभी को स्वास्थ्य, शिक्षा, कनेक्टिविटी, आजीविका जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे में शामिल किया जाएगा। जिससे नागरिको के जीवन स्तर में सुधार उत्पन होगा। और वह एक बेहतर जीवन यापन करने में सक्षम होंगे।
ग्राम योजना के तहत 8 क्षेत्रों में कमियों को समाप्त किया जाएगा
- सड़क संपर्क (आंतरिक और अंतर गांव/प्रखंड)
- दूरसंचार संपर्क (मोबाइल/इंटरनेट)
- विद्यालय
- आंगनबाड़ी केंद्र
- स्वास्थ्य उप केंद्र
- पेयजल सुविधा
- जल निकासी और
- ठोस अपशिष्ट प्रबंधन
राष्ट्र निर्माण के लिए देश के जनजातीय आबादी वाले गांवों का विकसित होना बेहद आवश्यक है।
देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जनजाति समुदाय के कल्याण के बारे में कहा कि मेरे जनजातीय भाइयों और बहनों के पास बिजली, गैस कनेक्शन, शौचालय, घर तक पहुंचने वाली सड़क, निकट में चिकित्सा केंद्र, आसपास के क्षेत्र में आय के साधन और बच्चों के लिए स्कूल के साथ खुद का पक्का घर होना चाहिए। और कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए जनजातीय आबादी वाले गांव का विकसित होना आवश्यक है।
इस दिशा में पूर्ण रूप से केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है। जनजाति समुदाय एवं अल्पसंख्यक समुदाय होने के बावजूद भारत में विशाल विविधता का प्रतिनिधित्व करती है। जनजातीय समुदाय भारत में अपनी विशेष संस्कृति, विशेष खानपान, भाषा और उसका अपना एक विशाल इतिहास है। जिसके लिए जरूरी है कि जनजाति समुदाय को मुख्यधारा में लाया जाए और सुनिश्चित रूप से उनका सर्वागीण विकास हो।
Pradhanmantri Aadi Aadarsh Gram Yojana की विशेषताएं जानिए क्या है
- पीएम आधी आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत आदिवासी बहुल गांवों को आदर्श ग्राम बनाने के लिए की गयी है
- इस योजना के माध्यम से जनजातीय के नागरिको को बुनियादी सेवाओं और सुविधाओं का लाभ प्रदान करना है जिससे वह सभी नागरिक म्मान पूर्वक जीवन यापन कर सके।
- देश के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने मौजूदा विशेष केंद्रीय सहायता योजना को हाल ही में जनजातीय उपयोजना का नया रूप दिया है। और इसका नामकरण प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना किया गया है।
- Pradhanmantri Aadi Aadarsh Gram Yojana के तहत 4.22 करोड़ (कुल जनजाति आबादी का लगभग 40 फ़ीसदी) की जनसंख्या को जनजाति आबादी वाले गांवों को आदर्श गांव में तब्दील किया जाएगा।
- पीएमएजीवाई के तहत हर गांव को प्रशासनिक खर्चे सहित स्वीकृत कामों के लिए 20.38 लाख रुपए की धनराशि मुहैया कराई जाएगी।
- इस धनराशि का उपयोग इस तरह किया जाएगा की जिन से आदिवासी गांव में सुविधाएं नहीं है या फिर जिन सुविधाओं की कमी है वह पूरी की जा सके।
- इस योजना के संचालन के लिए अब तक 1927 करोड़ रुपए की धनराशि राज्यों को जारी की जा चुकी है।
- गुजरात में कुल 3764 गांवों को चिन्हित किया गया है।
- इस योजना के तहत 6264 गांवो के कार्यान्वयन के लिए मंजूरी दी जा चुकी है।